Maharashtra State Board Class 5th Hindi Medium Environmental Studies Part -1 (परिसर अध्ययन भाग -१)
प्रश्न १.अब क्या करना चाहिए ?
खूब तेज भूख लगी है परंतु खाद्यपदार्थ खुले में रखे हुए हैं ।
उत्तर : हम वह खाद्यपदार्थ कदापि नही खाएँगे, भूख सहेंगे क्योंकि खुले हुए खाद्यपदार्थों रोगजंतु, धूल, मिट्टी, कूड़ा-कचरा होगा, तो हमें रोग हो सकता है। तेज भूख लगी हो, तो पैकेट में बंद बिस्कुट, ककड़ी, खीरा, पके केले जैसे तैयार पदार्थ खाकर भूख को अस्थाई रूप में शांत कर सकते हैं।
प्रश्न २. थोड़ा सोचो !
मच्छरों की उत्पत्ति रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव करना अथवा पानी एकत्र न होने देना, इनमें से सही उपाय कौन-सा है ? क्यों ?
उत्तर : जब मच्छर पैदा हो जाते हैं, तब मलेरिया, डेंगू, हाथीपाँव जैसे रोगों का प्रसार शीघ्रता से होता है। इसलिए ‘पानी न एकत्र होने देना’ उत्तम उपाय है। पानी पर कीटकनाशकों का छिड़काव करने से मच्छर पैदा तो नहीं होंगे परंतु उनसे परिसर का प्रदूषण होगा। अत: कीटकनाशकों के छिड़काव की अपेक्षा, पानी एकत्र न होने देना उत्तम उपाय है।
प्रश्न ३. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखोः
(अ) संक्रामक रोग का क्या अर्थ है ?
उत्तर : जो रोग किसी रोगी व्यक्ति से किसी अन्य निरोगी व्यक्ति को भी हो सकते हैं, उन रोगों को संक्रामक रोग कहते हैं।
(आ) रोगप्रसार के विभिन्न माध्यम कौन-से हैं ?
उत्तर : दूषित हवा, पानी तथा भोजन रोगप्रसार के माध्यम हैं। इनके अतिरिक्त मच्छर, जूं तथा मक्खियों जैसे कीटक भी रोगप्रसार करते हैं। त्वचा के विभिन्न रोगों का प्रसार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क द्वारा ही होता है।
(इ) रोग की महामारी फैलने पर क्या होता है ?
उत्तर : रोग की महामारी आने पर एक ही स्थान के असंख्य लोगों को एक ही संक्रामक एक साथ होता है। वह तेजी से फैलता है।
(ई) ‘टीकाकरण’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर : शरीर में विभिन्न रोगों की रोगप्रतिकारक क्षमता विकसित करने के लिए इंजेक्शन अथवा मुँह से पिलाए जाने वाले टीके दिए जाते हैं। इसे ही ‘टीकाकरण’ कहते हैं। यदि किसी रोग के रोगजंतु शरीर में प्रविष्ट हो जाएँ, तो शरीर उसका प्रतिकार करता है और वह रोग नहीं होता।
(उ) नवजात शिशु को लगाए जाने वाले टीकों की सूची तैयार करो ।
उत्तर :
(१) क्षय (टी.बी.) का प्रतिबंधक टीका
(२) त्रिगुणी टीका-कंठरोहिणी, कुकुरखाँसी और धनुर्वात जैसे तीन रोगों का संयुक्त टीका
(३) मुँह से दी जाने वाली – पोलियो की खुराक।
प्रश्न ४. नीचे दिए गए कथन सही हैं या गलत, लिखोः
(अ) हवा द्वारा आँतों के रोग का प्रसार होता है ।
उत्तर : गलत
(आ) कुछ रोग दैवी प्रकोप के कारण होते हैं ।
उत्तर : गलत
प्रश्न ५. नीचे कुछ रोगों के नाम दिए गए हैं । भोजन, पानी और हवा द्वारा होने वाले प्रसार के अनुसार उनका वर्गीकरण करोः
मलेरिया, मोतीझरा (टाइफाइड), हैजा, क्षय (टी.बी.) पीलिया, गैस्ट्रो (जठरांत्रशोथ), दस्त (जुलाब/पेचिश) तथा कंठरोहिणी ।
उत्तर:
हवा द्वारा प्रसार | भोजन द्वारा प्रसार | पानी द्वारा प्रसार |
क्षय (टी. बी.), कंठरोहिणी, मलेरिया I | मोतीझरा (टॉइफाइड), हैजा, पीलिया, गैस्ट्रो, पेचिशI | पेचिश, हैजा, मोतीझरा (टॉइफाइड), पीलिया I |
प्रश्न ६ . कारण लिखोः
(अ) हैजे की महामारी में सभी लोगों को पानी उबालकर पीना चाहिए I
उत्तर : हैजा ऐसा रोग है, जिसके रोगजंतु रोगी की विष्ठा के माध्यम से पानी में पहुँच जाते हैं। ऐसा पानी पीने से हैजे का प्रसार होता है। यदि कोई जलस्रोत सार्वजनिक हो, तो उस पानी का उपयोग करने पर हैजे की महामारी हो सकती है। उबालने से पानी के रोगजंतु नष्ट हो जाते हैं, जिससे हमें हैजा होने का खतरा नहीं रहता। इसलिए हैजे की महामारी में सभी लोगों को पानी उबालकर पीना चाहिए।
(आ) अपने परिसर में पानी के डबरे (छोटे गड्ढे) नहीं बनने देना चाहिए ।
उत्तर : डबरों के संचित पानी में मच्छर अंडे देते हैं और उनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। मलेरिया (जूड़ी) ऐसा रोग है, जिसके रोगजंतु इन्ही मच्छरों के दंश से हमारे शरीर में पहुँच जाते हैं। गड्ढे न होने पर मलेरिया तथा डेंगू जैसे रोग नहीं फैलते। इसलिए परिसर में डबरे नहीं बनने देना चाहिए।