Maharashtra State Board Class 5th Hindi Medium Environmental Studies Part -1 (परिसर अध्ययन भाग -१)​​​​​​​​​​​​

प्रश्न १. रिक्त स्थानों की पूर्ति करोः

(अ) निरामयता के कारण हममें मित्रता की भावना में वृद्धि होती है ।

(आ) तंबाकू उदर में सतत प्रविष्ट होती रहे तो आहारनाल का कैंसर होता है ।

(इ) अत्यधिक मद्यपान के कारण यकृत, आँत और मूत्राशय के रोग होते हैं ।

(ई) देश की प्रगति और विकास के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण घटक अर्थात उस देश के निवासी

(उ) व्यक्तिगत स्वास्थ्य तथा आदतों से हमारे समाज को स्वस्थ तथा सार्वजनिक स्वच्छता प्राप्त किया जा सकता है ।

प्रश्न  २. सही या गलत, लिखो । गलत कथनों को सुधारकर लिखोः

(अ) प्रदूषण, अस्वच्छता, महामारी, व्यसनाधीनता कीटदंश से होने वाले रोग सामुदायिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाते हैं (-)
उत्तर : गलत। (प्रदूषण, अस्वच्छता, महामारी, दुर्व्यसन, कीटकदंश से होने वाले रोग सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए घातक हैं।)

(आ) सार्वजनिक स्थानों पर थूकना कानून के अनुसार वर्जित है (-)
उत्तर : सही।

(इ) पोषक आहार, व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यायाम और शौक/रुचि का संवर्धन करने से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है (-)
उत्तर : सही।

(ई) अपना स्वास्थ्य अच्छे ढंग से सहेजकर निरामय जीवन व्यतीत करना संभव नहीं है (-)
उत्तर : गलत(अपने स्वास्थ्य को अच्छे ढंग से सहेजकर निरामय जीवन व्यतीत करना संभव है।)

प्रश्न ३. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखोः

(अ) उत्तम स्वास्थ्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर:  पोषक आहार, व्यक्तिगत स्वच्छता, व्यायाम और अच्छे शौक (रुचि) द्वारा उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जाता है।

(आ) सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घटक कौन-से हैं ?
उत्तर : स्वच्छता के प्रति उदासीनता, दुर्व्यसन, प्रदूषण, कुपोषण इत्यादि सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घटक हैं।

(इ) तंबाकू सेवन के घातक प्रभाव कौन-से हैं ?
उत्तर : (१) तंबाकू के सेवन से मुँह में घाव होते हैं। ये घाव कुछ समय बाद बड़े होकर गाँठ बन जाते हैं।
(२) मुँह में कैंसर रोग का प्रारंभ हो जाता है।
(३) तंबाकू उदर में पहुँचने पर आहारनाल का कैंसर होता है।

(ई) मद्यपान के घातक प्रभाव कौन-से हैं ?
उत्तर : (१) मद्यपान का पहला घातक प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। शराबी बेसुध हो जाता है और शरीर पर उसका नियंत्रण नहीं रहता। इच्छानुसार गतिविधि नहीं कर सकता।
(२) मद्यपान से यकृत, आंत तथा मूत्राशय के रोग होते हैं।
(३) शराबी का परिवार दुखी जीवन व्यतीत करता है।

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