Maharashtra State Board Class 6th Hindi Medium History (इतिहास)

प्रश्न १.एक-एक वाक्य में उत्तर लिखो: 

(१) लिखने के लिए किस सामग्री का उपयोग किया जाता था?
उत्तर : प्रारंभिक समय में लिखने के लिए खपडे, कच्ची ईंटें, पेड़ों की छालें, भोजपत्र जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता था।

(२) वैदिक साहित्य द्वारा कौन-सी जानकारी प्राप्त होती है ?
उत्तर : वैदिक साहित्य द्वारा ईसा पूर्व १५०० और उसके बाद के प्राचीन इतिहास की जानकारी मिलती है।

(३) मौखिक परंपरा द्वारा किस साहित्य को संरक्षित रखा गया है ?
उत्तर : मौखिक परंपरा द्वारा ओवियाँ (चक्की के गीत), लोकगीत, लोककथाएँ आदि साहित्य संरक्षित रखे गए हैं और लिखित रूप में रूपांतरित होने के पहले वैदिक, जैन तथा बौद्ध साहित्य भी मौखिक परंपरा द्वारा संरक्षित रखे गए थे।

प्रश्न २. निम्न साधनों का वर्गीकरण भौतिक, लिखित और मौखिक साधनों में करो:
ताम्रपट, लोककथाऍं, मिट्टी के बरतन, मनके, यात्रा वर्णन, ओवियाँ (चक्की के गीत), शिलालेख, पोवाड़ा (शौर्य काव्य), वैदिक साहित्य, स्तूप, सिक्के, भजन, पौराणिक ग्रंथ.

उत्तर :

भौतिक साधन

लिखित साधन

मौखिक साधन

मिट्टी के बरतन, मनके, स्तूप, सिक्के।

ताम्रपट, यात्रा वर्णन, शिलालेख, पौराणिक ग्रंथ, पोवाड़ा (शौर्य- काव्य), वैदिक साहित्य।

लोककथाएँ, ओवियाँ (चक्की के गीत), भजन ।

३. दिए गए मिट्टी के बरतन देखो और उनकी प्रतिकृतियॉं बनाओ ।
उत्तर :

प्रश्न . किसी भी सिक्के का निरीक्षण करो और उसके आधार पर निम्न मुद्दों का अंकन करो:

सिक्के पर अंकित पाठ्यांश :- भारत INDIA

उपयोग में लाई गई धातु:-  पीतल स्टील

सिक्के पर अंकित वर्ष  :- 2011

सिक्के पर अंकित चिह्न:-  

सिक्के पर अंकित चित्र :-  अशोक स्तम्भ

भाषा:-  हिंदी अंग्रेजी

भार:- लगभग 10 gm

आकार:-  गोल

मूल्य:-  ₹ 10

प्रश्न . मौखिक रूप मे कौन-कौन-सी बातें तुम्हें याद हैं ? उनको समूह में प्रस्तुत करो:
जैसे: कविता, श्लोक , प्रार्थना, पहाड़े आदि ।
उत्तर : प्रार्थना :
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो

तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो

तुम्ही हो साथी तुम्ही सहारे कोई न अपना सिवा तुम्हारे
तुम्ही हो साथी तुम्ही सहारे कोई न अपना सिवा तुम्हारे
तुम्ही हो नैय्या तुम्ही खेवैया तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो

जो खिल सके ना वो फूल हम हैं तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं
जो खिल सके ना वो फूल हम हैं तुम्हारे चरणों की धूल हम हैं
दया की दृष्टि सदा ही रखना तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो
तुम्ही हो माता पिता तुम्ही हो तुम्ही हो बंधु सखा तुम्ही हो.

श्लोक:

 कानि च पापानि जन्मांतरकृतानि  ।
तानि सर्वाणि नश्यन्ति प्रदक्षिणपदे पदे ॥
पदे पदे या परिपूजकेभ्यः सद्योऽश्वमेधाधिफल ददाति ।
तं सर्वपापक्षयहेतुभूतां प्रदक्षिणां ते परितः करोमि ॥

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