Maharashtra State Board Class 6th Hindi Medium History (इतिहास)
प्रश्न १. बताओ तोः
(१) भारत में सोने के सिक्के ढालने का प्रारंभ करनेवाले राजा।
उत्तर : कुषाण
(२) कनिष्क द्वारा कश्मीर में बसाया गया शहर ।
उत्तर :कनिष्कपुर
(३) वीणा वादन में प्रवीण राजा ।
उत्तर : समुद्रगुप्त
(४) कामरूप से तात्पर्य ।
उत्तर : असम
प्रश्न २. पाठ में दिए गए मानचित्र का निरीक्षण करके गुप्त साम्राज्य के आधुनिक शहरों के नामों की सूची बनाओः
उत्तर :
दिल्ली
मालवा
कन्नौज
प्रयाग
बुंदेलखंड
वैशाली
पाटलीपुत्र
चंपा
बोधगया
ताम्रलिप्ति
प्रश्न ३. विचार-विमर्श करो और लिखो :
(१) सम्राट कनिष्क
उत्तर : मध्य एशिया से भारत में आकर कुषाण टोलियों ने यहाँ अपने राज्य स्थापित किए। राजा कनिष्क उनमें से एक था। कनिष्क ने भारत के पश्चिम में स्थित काबुल से लेकर पूर्व में वाराणसी तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया था। कनिष्क ने कश्मीर में कनिष्कपुर शहर बसाया था। उसी के कार्यकाल में बौद्ध धर्म की चौथी परिषद कश्मीर में आयोजित की गई थी। कनिष्क ने सोने और ताँबे के सिक्के ढलवाए थे।
(२) महरौली का लौहस्तंभ
उत्तर : चंद्रगुप्त द्वितीय ने दिल्ली के निकट महरौली में एक लौहस्तंभ स्थापित किया। यह लगभग डेढ़ हजार वर्ष से अधिक प्राचीन है। आज भी इसमें जंग नही लगा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन भारत में तकनीकी ज्ञान कितना विकसित था। इस लौहस्तंभ पर एक लेख उकेरा हुआ है। उस पर ‘चन्द्र’ नाम के राजा का उल्लेख है। इसी आधार पर यह माना जाता है कि यह लौहस्तंभ चंद्रगुप्त द्वितीय के कार्यकाल का है I
प्रश्न ४. पाठ में उल्लिखित विभिन्न ग्रंथों और ग्रंथकारों के नामों की सूची बनाओः
उत्तर :
ग्रंथ ग्रंथकार
(१) मिलिंदपन्ह – मिनैंडर
(२) बुद्धचरित तथा वज्रसूचि – अश्वघोष
(३) हर्षचरित – बाणभट्ट
(४) रत्नावली – हर्षवर्धन
(५) राजतरंगिणी – कल्हण
प्रश्न ५. गुप्त राजवंश और वर्धन राजवंश की तुलनात्मक तालिका निम्न मुद्दों के आधार पर तैयार करो :
मुद्दे |
गुप्त राजवंश |
वर्धन राजवंश |
संस्थापक |
श्रीगुप्त |
प्रभाकर वर्धन |
राज्यविस्तार |
असम से पंजाब तक तथा तमिलनाडु के कांची तक पूर्वी तटीय प्रदेश जीत लिए थे। मालवा, गुजरात तथा सौराष्ट्र भी जीत लिए। |
दिल्ली के निकट थानेसर में स्थापना। साम्राज्य का विस्तार नेपाल, दक्षिण में नर्मदा नदी, पूर्व में असम और पश्चिम में गुजरात तक हुआ था। |
कार्य |
गुप्त राजाओं ने बड़े पैमाने पर साम्राज्य का विस्तार किया। पश्चिमोत्तर तथा श्रीलंका के राजाओं ने मित्रता की संधि की। इन राजाओं के कार्यकाल में धातु तकनीकी ज्ञान अपनी विकसित अवस्था में था। यह बात महरौली के लौहस्तंभ से सिद्ध होती है। इन राजाओं की राज्य व्यवस्था उत्तम थी। |
वर्धन राजाओं ने बड़े पैमाने पर साम्राज्य विस्तार किया। हर्षवर्धन ने अपना राजदूत चीनी राजा दरबार में भेजा था। इस कालखंड में व्यापार में समृद्धि आई। इन राजाओं ने अन्य धर्मों के लोगों को भी उदारतापूर्वक आश्रय दिया। प्रजा के हितों के लिए राज्य की आय का उपयोग किया जाता था। |
प्रश्न ६. शब्द पहेली हल करोः.