Maharashtra State Board Class 7th Hindi Medium History (इतिहास)

प्रश्न १.निम्न घटनाओं को कालक्रमानुसार लिखो :

(१) शिवाजी महाराज का दक्षिण अभियान । => शाइस्ता खान का आक्रमण 

(२) लाल महल पर धावा ।=> लाल महल पर धावा

(३) आगरा से निकल आना । =>पुरंदर की संधि

(४) राज्याभिषेक => आगरा से निकल जाना

(५) पुरंदर की संधि => राज्यभिषेक

(६) शाइस्ता खान का आक्रमण => शिवाजी महाराज का दक्षिण अभियान

प्रश्न २. ढूँढ़ो तो मिलेगा :

(१) संस्कृत शब्दकोश – राज्य व्यवहारकोश

(२) जिसने त्र्यंबकगढ़ को जीता – मोरोपंत पिंगले

(३) वणी-दिंडोरी में पराजित सरदार – दाऊद खान

(४) वे स्थान; जहाँ अंग्रेज, डच और फ्रांसीसियों के गोदाम थे – सूरत

प्रश्न ३. अपने शब्दों में लिखो :

(१) शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक ।
उत्तर : अपने स्वराज्य के लिए सबकी मान्यता प्राप्त करने हेतु शिवाजी महाराज ने विधिवत राज्याभिषक कराने का निश्चय किया। जून १६७४ को पंडित गागा भट्ट के हाथों शिवाजी महाराज ने अपना राज्याभिषेक करवाया। इस राज्याभिषेक के अवसर पर शिवाजी महाराज ने संप्रभुता के प्रतीक के रूप में ‘राज्याभिषेक शक’ नामक नई कालगणना प्रारंभ की। ‘होन’ और ‘शिवराई’ नामक दो सिक्के ढलवाए। राजपत्रों पर ‘क्षत्रियकुलावतंस श्री राजा शिवछत्रपति’, ऐसा उल्लेख करने की शुरुआत हुई।

(२) आगरा से निकल आना ।
उत्तर : औरंगजेब द्वारा शिवाजी महाराज का दरबार में उचित सम्मान न किए जाने के कारण महाराज ने अपना क्रोध व्यक्त किया। औरंगजेब ने उन्हें नजरबंद कर दिया। ऐसे समय में बिना विचलित हुए शिवाजी महाराज ने धैर्य से परिस्थिति का सामना किया। नजरबंदी से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने एक योजना बनाई और उसके अनुसार चतुराई से वहाँ से निकल गए। आगरा से निकलकर मुगलों को चकमा देते हुए वे कुछ दिनों में महाराष्ट्र पहुँच गए। इस प्रकार शिवाजी महाराज बड़े धैर्य और कौशल से आगरा की नजरबंदी से निकल गए।

(३) शिवाजी महाराज का दक्षिण अभियान । 
उत्तर : अक्टूबर १६७७ में शिवाजी महाराज ने दक्षिण अभियान प्रारंभ किया। सबसे पहले उन्होंने गोलकुंडा की कुतूबशाही के साथ मैत्री संधि की। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक का बंगलुरु, होसकोट और आदिलशाह का कुछ प्रदेश जीत लिया; तमिलनाडु के जिंजी और वैल्लोर किले जीत लिए। उन्होंने तंजौर के शासक और अपने सौतेले भाई व्यंकोजी राजे को स्वराज्य के कार्य में सहभागी बनाने का प्रयत्न किया।

(४) शिवाजी महाराज द्वारा राज्याभिषेक के लिए की गईं तैयारियाँ।
उत्तर : तीस वर्षों के अखंड परिश्रम के परिणामस्वरूप निर्मित हुए स्वराज्य को सबकी मान्यता दिलाने के लिए शिवाजी महाराज ने अपना राज्याभिषेक करने का निश्चय किया। राज्याभिषेक का पौरोहित्य करने के लिए पंडित गागाभट्ट को आमंत्रित किया गया। राज्याभिषेक हेतु अत्यंत मूल्यवान और भव्य सिंहासन का निर्माण करवाया गया। यह सिंहासन ३२ मन स्वर्ण का था  और इसमें मूल्यवान रत्न जड़े गए थे। विभिन्न प्रांतों से श्रेष्ठ विद्वानों और शासकों को आमंत्रित किया गया। सोने के ‘होन’ और ताँबे के ‘शिवराई’, ये विशेष सिक्के ढाले गए। इस प्रकार शिवाजी महाराज ने राज्याभिषेक के लिए पूर्व तैयारी की।

प्रश्न . कारण लिखो :

(१) शिवाजी महाराज ने पुरंदर की संधि की ।
उत्तर : (१) शिवाजी महाराज के किलों को जीतने के लिए मुगल बादशाह ने एक बड़ी सेना भेजी। इस सेना ने स्वराज्य के प्रदेश को बहुत क्षति पहुँचाई
(२) मिर्जाराजे जयसिंह और दिलेर खान ने पुरंदर के किले का घेराव किया, जिसका सामना करते हुए मुरारबाजी देशपांडे वीरगति को प्राप्त हुआ।
(३)आगे की प्रतिकूल एवं कठिन परिस्थिति को देखते हुए शिवाजी महाराज ने जयसिंह के साथ बातचीत करके एक संधि की, जिसे ‘पुरंदर की संधि’ कहते हैं।

(२) शिवाजी महाराज ने मुगलों के विरुद्ध आक्रामक भूमिका अपनाई।
उत्तर : (१) मुगल सैनिकों ने स्वराज्य के भूप्रदेश को व्यापक स्तर पर क्षति पहुँचाई थी। 
(२) मुगलों के साथ की गई पुरंदर की संधि के कारण शिवाजी महाराज को २३ किले और आसपास का चार लाख होन की वार्षिक आयवाला प्रदेश मुगलों को देना पड़ा था।
(३) इन किलों और भूप्रदेश को वापस प्राप्त करने के लिए शिवाजी महाराज ने मुगलों के विरुद्ध आक्रामक भूमिका अपनाई। 

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