Maharashtra State Board Class 7th Hindi Medium History (इतिहास)
प्रश्न १. किसे कहते हैं ?
(१) चौथ –
उत्तर : किसी सत्ता द्वारा किसी प्रदेश से वसूल किए जाने वाले भू-राजस्व के एक-चौथाई हिस्से को ‘चौथ’ कहते हैं।
(२) सरदेशमुखी –
उत्तर : किसी सत्ता द्वारा किसी प्रदेश से वसूल किए जाने वाले कुल भू-राजस्व के दसवें हिस्से को ‘सरदेशमुखी’ कहते हैं।
प्रश्न २. एक शब्द में लिखोः
(१) बालाजी मूलतः कोकण के इस गाँव का था – श्रीवर्धन ।
(२) बुंदेलखंड में इसका राज्य था – छत्रसाल राजा का ।
(३) बाजीराव की मृत्यु इस स्थान पर हुई – मध्यप्रदेश का रावेरखेड़ी ।
(४) इसने पुर्तगालियों को हराया –चिमाजी अप्पा ।
प्रश्न ३. लेखन करो :
(१) कान्होजी आंग्रे
उत्तर : कान्होजी आंग्रे मराठी नौसेना का प्रमुख था। जब मराठी सत्ता को लेकर महारानी ताराबाई और शाहू महाराज के बीच विवाद चल रहा था, उस समय कान्होजी आंग्रे ने महारानी ताराबाई का पक्ष लेकर शाहू महाराज के प्रदेशों पर हमले किए। इससे शाहू महाराज के सम्मुख एक जटिल समस्या उत्पन्न हो गई। कान्होजी जैसी समस्या का उपाय करने के लिए शाहू महाराज ने पेशवा बालाजी विश्वनाथ को भेजा। बालाजी ने युद्ध न करके कूटनीति से कान्होजी को शाहू महाराज के पक्ष में कर लिया। इससे मराठी नौसेना की शक्ति बढ़ गई।
(२) पालखेड़ का युद्ध
उत्तर : मुगल शासक फर्रुखसियर द्वारा दक्खन के सूबेदार के रूप में नियुक्त किए गए निजाम-उल-मुल्क ने हैदराबाद में अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करने का प्रयास किया। मुगल शासक ने पहले ही मराठों को दक्षिण के सूबे से चौथ-सरदेशमुखी वसूलने का अधिकार दिया था। निजाम ने इस अधिकार का विरोध किया। इतना ही नहीं, उसने पुणे परगने का कुछ हिस्सा भी जीत लिया। बाजीराव ने निजाम पर अंकुश लगाने का निश्चय करके उसे युद्ध के लिए ललकारा। औरंगाबाद के निकट पालखेड़ में उसने निजाम को पराजित किया। इससे निजाम और मराठों के बीच संधि हुई। निजाम ने मराठों का चौथ-सरदेशमुखी वसूलने का अधिकार स्वीकार किया।
(३) बालाजी विश्वनाथ
उत्तर : (१) बालाजी विश्वनाथ भट कोकण के श्रीवर्धन गाँव का था। वह पराक्रमी और अनुभवी था; इसलिए शाहू महाराज ने उसकी पेशवा के रूप में नियुक्ति की।
(२) मराठी सत्ता को लेकर महारानी ताराबाई और शाहू महाराज के बीच संघर्ष शुरू हुआ। उस समय सरदारों को यह समझा-बुझाकर कि शाहू महाराज ही मराठी सत्ता के सच्चे अधिकारी हैं, बालाजी विश्वनाथ ने अनेक सरदारों को शाहू महाराज के पक्ष में कर लिया।
(३) मराठा नौसेना के प्रमुख कान्होजी आंग्रे को भी उसने कूटनीति से शाहू महाराज के पक्ष में कर लिया और उनका पक्ष मजबूत किया।
(४) उसने ई.स. १७१९ में मुगल शासक से दक्खन के मुगल प्रदेश में चौथ- सरदेशमुखी वसूलने का आदेशपत्र प्राप्त किया। ई. स. १७२० में बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु हुई।
(४) बाजीराव प्रथम
उत्तर : (१) बालाजी विश्वनाथ की मृत्यु के पश्चात ई. स. १७२० में बाजीराव प्रथम पेशवा बना।
(२) उत्तम सेनानी बाजीराव ने अपने पराक्रम के बल पर उत्तर भारत में मराठों का वर्चस्व स्थापित किया।
(३) पालखेड़ के युद्ध में निजाम को पराजित करके उसने मराठों का दक्खन के सूबे से चौथ-सरदेशमुखी वसूलने का अधिकार प्राप्त किया।
(४) भोपाल के युद्ध में निजाम को पराजित करके उसने मालवा की सूबेदारी का आदेशपत्र प्राप्त किया।
(५) सूबेदार मुहम्मद खान बंगश को पराजित करके मालवा और बुंदेलखंड में अपना वर्चस्व स्थापित किया।
(६) उसके कहने पर उसके भाई चिमाजी अप्पा ने पुर्तगालियों को पराजित करके वसई का सुदृढ़ किला जीत लिया। नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया, तो उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बाजीराव प्रथम उत्तर की ओर चल पड़ा। उसके पहुँचने के पहले नादिरशाह विपुल संपत्ति लूटकर अपने देश वापस चला गया था। अप्रैल १७४० में नर्मदा के तट पर रावेरखेड़ी में बाजीराव प्रथम की मृत्यु हुई।
प्रश्न ४. कारण लिखोः
(१) मराठाशाही में दो स्वतंत्र राज्यों का निर्माण हुआ।
उत्तर : (१) मुगलों की कैद से छूटने पर शाहू महाराज ने छत्रपति पद के अधिकार की माँग की, तो महारानी ताराबाई ने उसे अस्वीकार कर दिया।
(२) इस पर शाहू महाराज ने खेड़ में महारानी ताराबाई के सैनिकों को पराजित करके सातारा जीत लिया और अपना राज्याभिषेक करवाया।
(३) महारानी ताराबाई ने शाहू महाराज के प्रति अपना विरोध आगे भी जारी रखते हुए पन्हालगढ़ पर अपने बेटे शिवाजी द्वितीय को छत्रपति के रूप में घोषित किया और दूसरे स्वतंत्र राज्य का निर्माण किया। इस प्रकार मराठाशाही में दो स्वतंत्र राज्यों का निर्माण हुआ।
(२) आजमशाह ने छत्रपति शाहू महाराज को मुक्त किया।
उत्तर : (१) औरंगजेब की मृत्यु के बाद दिल्ली की गद्दी के लिए उसके बेटों में संघर्ष शुरू हो गया। दक्षिण में रहने वाला उसका बेटा शाहजादा आजमशाह राज सिंहासन पाने के लिए बड़ी तत्परता से दिल्ली की ओर चल पड़ा।
(२) शाहू महाराज मुगलों के कैद में थे। आजमशाह ने सोचा यदि शाहू महाराज को मुक्त कर दिया जाए, तो महारानी ताराबाई और शाहू महाराज के बीच छत्रपति की गद्दी को लेकर विवाद उत्पन्न होगा।
(३) इस विवाद से मराठी सत्ता निर्बल हो जाएगी; इसलिए आजमशाह ने शाहू महाराज को कैद से मुक्त कर दिया।
(३) दिल्ली शासक को मराठों की सहायता की आवश्यकता अनुभव हुई।
उत्तर : (१) औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात दिल्ली की मुगल सत्ता कमजोर हो गई थी।
(२) उसे पश्चिमोत्तर से होने वाल ईरानी, अफगानी आक्रमणों का भय था।
(३) आसपास के पठान, राजपूत, जाट तथा रुहेल जैसे स्थानीय सत्ताधीशों का भी खतरा मुगल सत्ता को था।
(४) इसके अलावा, दरबार में चलने वाली प्रतिस्पर्धा और आपसी संघर्ष के कारण भी मुगल सत्ता भीतर से खोखली हो चुकी थी। इन कारणों से दिल्ली दरबार को मराठों की सहायता की आवश्यकता अनुभव हुई ।