Maharashtra State Board Class 7th Hindi Medium Civics (नागरिक शास्त्र )

प्रश्न १.ढूँढ़ो और लिखो : 

(१) देश के सभी नागरिकों और एक-दूसरे के प्रति आत्मीयता की भावना होना । => बंधुता

(२) प्रशासन लोगों के हाथ में होना । => लोकतंत्र

(३) सभी धर्मों को समान मानना । => पंथ निरपेक्ष

प्रश्न २. लेखन करो :

(१) पंथ निरपेक्ष राज्य में कौन-से कानून होते हैं ?
उत्तर : पंथ निरपेक्ष राज्य में अग्रलिखित कानून होते हैं :
(१) राज्य के सभी धर्मों को समान माना जाता है।
(२) किसी भी एक धर्म को राज्य का धर्म नहीं माना जाता।
(३) नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता होती है।
(४) नागरिकों में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।

(२) वयस्क मतदान प्रणाली किसे कहते हैं ?
उत्तर : (१) १८ वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने वाले सभी भारतीय नागरिकों को मतदान करने का अधिकार दिया गया है। इस व्यवस्था को ‘वयस्क मतदान प्रणाली’ कहते हैं। यह अधिकार देते समय व्यक्ति की शिक्षा, जाति, धर्म आदि बातों पर विचार नहीं किया जाता।
(२) इसके पीछे यह उददेश्य है कि प्रशासन में भाग लेने का सबको समान अधिकार प्राप्त हो।

(३) आर्थिक न्याय द्वारा नागरिकों को कौन-से अधिकार प्राप्त होते हैं ?
उत्तर :(१) भारतीय संविधान ने भेदभाव न करते हुए सभी नागरिकों को आर्थिक न्याय दिया है।
(२) इस न्याय के अनुसार प्रत्येक नागरिक को अपना और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए आजीविका का साधन प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।
(३) इसके पीछे यह उद्देश्य है कि दरिद्रता के कारण उत्पन्न होने वाली भूख, कुपोषण जैसी समस्याएँ देश में न पैदा हो सकें।

(४) समाज में व्यक्ति की गरिमा किस प्रकार निर्माण हो सकती है ?
उत्तर : (१) प्रत्येक व्यक्ति को उसकी जाति, धर्म, वंश, पैसा आदि के आधार पर नहीं, अपितु मनुष्य होने के नाते सम्मान मिलना चाहिए। यही व्यक्ति की गरिमा है।
(२) समाज में सभी लोगों को एक-दूसरे के साथ आदरसम्मान का व्यवहार करना चाहिए।
(३) जब प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का आदर करते हुए उसकी स्वतंत्रता और अधिकार का सम्मान करेगा, तब समाज में व्यक्ति की गरिमा का निर्माण होगा।

३. हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई है । हमें उसका उपयोग किस प्रकार करना चाहिए; तुम अपना मत / विचार लिखो / बताओ।
उत्तर : नागरिक अपना सर्वांगीण विकास कर सकें, इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर संविधान ने हमें स्वतंत्रता का अधिकार दिया है। इसलिए नागरिकों को अपना विकास करना चाहिए। समाज की अनुकूल-प्रतिकूल घटनाओं पर अपना विचार व्यक्त करना चाहिए। समाज को  कुछ देना है, तो प्रयास करना चाहिए। परंतु स्वतंत्रता का यह अर्थ नहीं है कि जो मन में आए वही करें। इसका ध्यान रखना चाहिए कि हमें स्वतंत्रता मिली है, तो दूसरों को भी मिलनी चाहिए। इसलिए समाज के दुर्बल व्यक्तियों की स्वतंत्रता का हमें संरक्षण करना चाहिए। त्योहार-उत्सव हो, सार्वजनिक सभासम्मेलन हो, यातायात हो, सभी स्थानों पर हमें नियमों का पालन करना चाहिए। मेरे विचार से ऐसा करने पर ही लोगों की स्वतंत्रता सुरक्षित रहेगी।

प्रश्न . अवधारणाएँ स्पष्ट करोः

(१) समाजवादी राज्य –
उत्तर : (१) समाजवादी राज्य में देश की संपत्ति पर सबका समान अधिकार होता है।
(२) समाजवादी राज्य में इस बात की सावधानी बरती जाती है कि देश की संपत्ति का केंद्रीकरण (एकत्रीकरण) कुछ ही व्यक्तियों के हाथ में न होने पाए।
(३) समाजवादी राज्य में समाज में निर्धन और धनवान के बीच खाई नहीं होती। भारतीय संविधान ने लोकतांत्रिक समाजवादी राज्य की संकल्पना स्वीकार की है।

(२) समता –
उत्तर : संविधान की उद्देशिका ने भारतीय नागरिकों को दो प्रकार की समताओं का आश्वासन दिया है –
(१) जाति, धर्म, वंश, जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव न करते हुए मनुष्य के रूप में सभी लोगों का दर्जा समान होगा।
(२) सबको अपने-अपने विकास के लिए समान अवसर मिलेगा। व्यक्ति-व्यक्ति के बीच ऊँच-नीच श्रेष्ठकनिष्ठ का भेदभाव न करना ही समता है।

(३) संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य –
उत्तर : जब कोई राज्य किसी विदेशी सत्ता के नियंत्रण में नहीं होता, तब उसे   ‘प्रभुत्व संपन्न राज्य’ कहा जाता है। प्रभुत्व संपन्न राज्य को शासन करने का सर्वोच्च अधिकार प्राप्त होता है। इस राज्य में जनता के प्रभुत्व संपन्न होने के कारण कानून बनाने का अधिकार जनता के  प्रतिनिधियों को होता है।अंग्रेजों का राज्य समाप्त हो जाने पर १५ अगस्त १९४७ को भारत संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य बन गया।

(४) अवसर की समानता –
उत्तर : भारतीय संविधान की उद्देशिका ने अवसर की समानता का सिद्धांत स्वीकार किया है। प्रत्येक नागरिक को विकास के समान अवसर दिए गए हैं । यह अवसर उपलब्ध कराते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि नागरिकों के बीच जाति, धर्म, भाषा, प्रांत आदि के आधार पर भेदभाव न होने पाए।

प्रश्न . भारतीय संविधान की उद्देशिका में किन – किन महत्त्वपूर्ण सिद्धांतों का उल्लेख मिलता है ?
उत्तर : भारतीय संविधान की उद्देशिका में अग्रलिखित सिद्धांतों का उल्लेख मिलता है : 
(१) उद्देशिका का प्रारंभ ‘हम, भारत के लोग’, इन शब्दों से और अंत ‘आत्मार्पित करते हैं’, इन शब्दों से होता है।
(२) इस बात का आश्वासन दिया गया है कि भारत के हम सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता और समता, इन उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
(३) भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने का निश्चय किया गया है।

Scroll to Top