Maharashtra State Board Class 7th Hindi Medium Geography (भूगोल)

प्रश्न  १. असत्य कथन को सत्य करके लिखो:

(१) चंद्रमा सूर्य का परिक्रमण करता है।
उत्तर : असत्य।
सत्य कथन:  चंद्रमा पृथ्वी का परिक्रमण करता है।

(२) पूर्णिमा को चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी इस प्रकार  क्रम होता है ।
उत्तर : असत्य।
सत्य कथन: पूर्णिमा को सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा, इस प्रकार क्रम होता है।

(३) पृथ्वी की परिक्रमण कक्षा और चंद्रमा की परिक्रमण कक्षा एक ही स्तर पर होती है ।
उत्तर : असत्य।
सत्य कथन: पृथ्वी की परिक्रमण कक्षा और चंद्रमा की परिक्रमण कक्षा, दोनों एक ही स्तर पर नहीं होती। चंद्रमा की परिक्रमण कक्षा पृथ्वी की परिक्रमण कक्षा के साथ लगभग ° का कोण बनाती है।

(४) चंद्रमा की एक परिक्रमण कालावधि में चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा को एक ही बार काटती है।
उत्तर : असत्य।
सत्य कथन: चंद्रमा की एक परिक्रमण कालावधि में चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा को दो बार काटती है।

(५) सूर्यग्रहण खुली आँखों से देखना उचित हैI
उत्तर : असत्य।
सत्य कथन: सूर्यग्रहण खुली आँखों से देखना उचित नहीं है। सूर्यग्रहण देखते समय काले काँच अथवा विशिष्ट प्रकार के गॉगल का उपयोग करना आवश्यक होता है।

(६) चंद्रमा पृथ्वी की उपभू स्थिति में होने पर कंकणाकृति सूर्यग्रहण होता है।
उत्तर : असत्य I
सत्य कथन: चंद्रमा पृथ्वी की अपभू स्थिति में होने पर कंकणाकृति सूर्यग्रहण होता है।

प्रश्न  २. उचित विकल्प चुनोः

प्रश्न  ३. निम्न तालिका पूर्ण करो :

विवरण/विशेषताऍं

चंद्रग्रहण

सूर्यग्रहण

तिथि दिन

पूर्णिमा

अमावस्या

स्थिति

चंद्रमा-पृथ्वी-सूर्य

पृथ्वी-चंद्रमा-सूर्य

ग्रहणों के प्रकार

खग्रास तथा खंडग्रास

खग्रास खंडग्रास तथा कंकणाकृति

खग्रास की

अधि कतम

कालावधि

१०७ मिनट

७ मिनट २0 सेकंड

प्रश्न ४. आकृति बनाओ और शीर्षक दो :
(१) खग्रास और खंडग्रास सूर्य ग्रहण.

(२) खग्रास और खंडग्रास चंद्रग्रहण.

प्रश्न  . उत्तर लिखोः

(१) प्रति अमावस्या और पूर्णिमा को चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में क्यों नहीं आते?
उत्तर : (१) पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर की परिक्रमण कक्षा और पृथ्वी के चारों ओर की चंद्रमा की परिक्रमण कक्षा, ये दोनों कक्षाएँ एक ही स्तर पर नहीं होतीं।
(२) चंद्रमा की परिक्रमण कक्षा पृथ्वी की परिक्रमण कक्षा के साथ लगभग ५० का कोण बनाती है। इसके कारण प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा को चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में नहीं आते।

(२) खग्रास सूर्यग्रहण जब होता है तब पृथ्वी के ऊपर खंडग्रास सूर्यग्रहण का भी अनुभव क्यों होता है ?
उत्तर : (१) अमावस्या के दिन यदि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी, ये तीनों पिंड एक ही सीधी रेखा में आएँ, तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है।
(२) एक ही समय में पृथ्वी के कुछ भाग पर चंद्रमा की घनी छाया पड़ती हैं, तो कुछ भाग पर उसकी विरल छाया पड़ती है।
(३) पृथ्वी के जिस भाग पर चंद्रमा की घनी छाया पड़ती है, उस भाग से सूर्य पूर्णत: ढका दिखाई देता है और वहाँ खग्रास सूर्यग्रहण का अनुभव होता है।
(४) उसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर चंद्रमा की विरल छाया पड़ती है, वहाँ से सूर्य का कुछ भाग दिखाई देता है और कुछ भाग ढका दिखाई देता है, अर्थात पृथ्वी के इस भाग में खंडग्रास सूर्यग्रहण का अनुभव होता है।
(५) इसके अलावा पृथ्वी का कुछ भाग पहले चंद्रमा की विरल छाया में आता है और उसके बाद उसकी घनी छाया में आता है। पृथ्वी के इस भाग में पहले खंडग्रास सूर्यग्रहण और बाद में खग्रास सूर्यग्रहण का अनुभव होता है। इस प्रकार खग्रास सूर्यग्रहण जब होता है, तब पृथ्वी के ऊपर खंडग्रास सूर्यग्रहण का भी अनुभव होता है।

(३) ग्रहणों के विषय में फैली भ्रामकता को दूर करने के उपाय सुझाओ।
उत्तर : ग्रहणों के विषय में फैली भ्रामकता को दूर करने के ये उपाय हैं :
(१) ग्रहण केवल खगोलीय स्थितियाँ हैं। ग्रहण में शुभ-अशुभ जैसी कोई बात नहीं होती। इसे पाठ्यपुस्तक की विभिन्न कृतियों तथा प्रात्यक्षिकों के आधार पर स्पष्ट करना।
(२) समाचारपत्रों, संदर्भ पुस्तकों, इंटरनेट आदि साथनों की सहायता से ग्रहणों के विषय में वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करना और प्राप्त जानकारी का भित्तिपत्र, तालिका, समूहचर्चा, पथनाट्य आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार करना।

(४) सूर्यग्रहण देखते समय कौन-सी सावधानी लोगे?
उत्तर : (१) सूर्य के प्रखर प्रकाश से आँखों को क्षति पहुँच सकती है, इसलिए सूर्यग्रहण खुली आँखों से प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखना चाहिए।
(२) सूर्यग्रहण देखते समय काले काँच अथवा विशिष्ट प्रकार के गॉगल का उपयोग करना चाहिए।

(५) उपभू स्थिति में कौन-कौन-से सूर्य ग्रहण होंगे?
उत्तर : उपभू स्थिति में दो प्रकार के सूर्यग्रहण होंगे : खग्रास सूर्यग्रहण और खंडग्रास सूर्यग्रहण।

Scroll to Top