Maharashtra State Board Class 5th Hindi Medium Environmental Studies Part -1(परिसर अध्ययन भाग -१ )

प्रश्न १.अब क्या करना चाहिए ? 

धूप में घूमने पर त्वचा पर चकत्ते पड़ गए हैं ।
उत्तर :   तेज धूप में दाहक क्षमता होती है। इसलिए अपनी त्वचा झुलस-सी जाती है। अतः इससे बचने के लिए कड़ी धूप में कहीं आने-जाने से बचना चाहिए। यदि बाहर जाना आवश्यक हो, तो सफेद कपड़ेवाली छतरी ओढ़ें और कपड़ों से पूरा शरीर ढंककर रखें। सिर पर कपड़ा बाधे, जो चेहरे को भी ढंके। वापस आने पर ठंडे पानी से हाथ-पैर और चेहरा धोएँ। डॉक्टर से परामर्श लेकर चकत्तों पर उपयुक्त मलहम का लेप करें।

प्रश्न २. थोड़ा सोचो !

(अ) सूक्ष्मजीव महत्त्वपूर्ण क्यों हैं ?
उत्तर :  पृथ्वी के ऊपरी प्रत्येक आवरण में सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं। ये बहुत-से कार्य करते हैं। आहार श्रृंखला में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वनस्पतियों तथा प्राणियों के अवशेषों का अपघटन करके ये सूक्ष्मजीव मिट्टी तथा लवण निर्मित करते हैं। सूक्ष्मजीवों द्वारा ही दूध का दही में रूपांतरण होता है। खमीर का बनना भी सूक्ष्मजीवों के कार्य का ही प्रभाव है। इसलिए सूक्ष्मजीव हमारे लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

(आ) ‘समुद्र द्वारा मिलने वाला भोजन’ इस पर विचार करो, जानकारी प्राप्त करो और दस पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर : (१) समुद्र में असंख्य जलीय प्राणी रहते हैं, जो मनुष्य का भोजन हैं।
(२) समुद्र  से  प्राप्त  बहुत-सी मछलियाँ लोगों का भोजन हैं।
(३) कुछ लोग इन्हीं मछलियों का धंधा-व्यापार भी करते हैं।
(४) समुद्र की मछलियों से उत्तम प्रकार के प्रथिन और वसा (चर्बी) मिलती है।
(५) कुछ विशेष प्रकार की मछलियों का निर्यात भी किया जाता है, जिससे देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
(६) समुद्र में हमें कई प्रकार के शैवाल मिलते हैं, जो कुछ लोगों का मनपसंद भोजन है।
(७) खारे पानीवाले समुद्र द्वारा नमक प्राप्त किया जाता है, जो हमारे भोजन का एक घटक है।
(८) जेली तथा पुडिंग को गाढ़ा करने में सहायक एक विशेष पदार्थ अगार, समुद्र से ही प्राप्त होता है।
(९) कुछ देश समुद्र के पानी द्वारा पीने के योग्य पानी भी प्राप्त कर रहे हैं।
(१०) मछलियों से प्राप्त वसा द्वारा कुछ औषधियाँ भी तैयार की जाती हैं, जो विशेष प्रकार के शारीरिक रोगों को दूर करती  हैं।

प्रश्न . नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखोः

(अ) बादल किससे बने होते हैं ?
उत्तर : पृथ्वी की सतह के जल के वाष्पीभवन से वातावरण में जलवाष्प होती है। यह जलवाष्प अधिक ऊँचाई पर पहुँचने के बाद संघनित हो जाती है। फलतः जल की अत्यंत सूक्ष्म बूंदें बनती है। जल की इन्ही असंख्य बूंदों से बादल बने होते हैं।

(आ) जीवावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर : पृथ्वी के शिलावरण, जलावरण और वातावरण इन तीनों भागों में पाए जाने वाले सभी प्रकार के सजीवों (प्राणियों तथा वनस्पतियों) को सम्मिलित रूप में जीवावरण कहते हैं। वनस्पतियाँ, प्राणी और सूक्ष्मजीव जीवावरण के घटक हैं।

(इ) अपने परिसर में पाए जानेवाले विभिन्न भूरूपों की सूची तैयार करो । उनमें से किन्हीं दो भूरूपों का वर्णन करो ।
उत्तर : हमारे परिसर में मुख्य रूप से टेकरी (ढूहा) तथा समतल मैदान जैसे भूरूप हैं। अत्यधिक दूर पहाड़ियाँ तथा उनमें गुफाएँ भी दिखाई देती हैं। स्थान-स्थान पर पहाड़ तथा मरुस्थली प्रदेश भी है।
(१) टेकरी (दूहा) : कम ऊँची पहाड़ी को टेकरी (टेकर, ढूहा) कहते हैं। इसकी जमीन ढालू होती है। इस पर आसानी से चढ़ सकते हैं। इस पर वृक्षारोपण करके मिट्टी का क्षरण रोक सकते हैं।
(२) मैदान : जमीन के समतल भाग को मैदान कहते हैं। यह ऊँचा-नीचा न होकर बिलकुल सपाट होता है। इसका उपयोग खेलने के लिए होता है। इसके चारों ओर वृक्षारोपण कर सकते हैं। इसमें हम घूमते-फिरते हैं।

प्रश्न . नीचे दिए गए दोनों कथनों के भूरूपदर्शक शब्दों को अधोरेखित करोः

(अ) अमित का घर पहाड़ी की तलहटी में है ।
उत्तर : अमित का घर पहाड़ी की तलहटी में है ।

(आ) रिया पठारी क्षेत्र में रहती है ।
उत्तर : रिया पठारी क्षेत्र में रहती है ।

प्रश्न ५. जानकारी लिखोः

(अ) वाष्पी भवन
उत्तर : पदार्थ की तीन अवस्थाएँ ठोस, द्रव तथा गैस हैं। ऊष्मा देने पर ठोस अवस्थावाले पदार्थ द्रव अवस्था में और द्रव अवस्थावाले पदार्थ गैसीय अवस्था में रूपांतरित हो जाते हैं। सूर्य की ऊष्मा द्वारा पृथ्वी के जल का निरंतर भाप में रूपांतरण होता रहता है। भूजल की भी भाप बनती रहती है। ऊष्मा द्वारा किसी पदार्थ के द्रव का वाष्प में परिवर्तित होने की प्रक्रिया को वाष्पीभवन कहते हैं। यह प्रक्रिया सतत और किसी तापमान पर होती रहती है।

(आ) संघनन
उत्तर : किसी पदार्थ की वाष्प जब ठंडी होती है, तब वह द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाती है। इसी प्रक्रिया को संघनन कहते हैं। प्रकृति में होने वाली वर्षा इसी संघनन प्रक्रिया का प्रभाव है। संघनन, वाष्पीभवन की विपरीत प्रक्रिया है।

(इ) जलचक्र 
उत्तर : पानी निरंतर एक चक्र (पहिए) की तरह अलग-अलग स्वरूपों में क्रमशः परिवर्तित होता रहता है। इसे ही जलचक्र कहते हैं। सूर्य की ऊष्मा द्वारा जमीन का पानी भाप में बदलता रहता है। यह भाप हवा से हलकी होने के कारण वातावरण में पर्याप्त ऊपर चली जाती है। वहाँ यह ठंडी होकर पुनः जल की सूक्ष्म बूंदों के रूप में बदलती रहती है। असंख्य सूक्ष्म बूंदों से बादल बनते हैं। ये बादल जब बरसते हैं, तब पृथ्वी का पानी पुनः पृथ्वी पर आकर नदियों, तालाबों, नालों, सागर इत्यादि में एकत्र हो जाता है। इस प्रकार जल का वाष्प बनना और जलवाष्प का पुनः पानी बनना यह क्रिया सतत होती है। यही जलचक्र है।

प्रश्न ६. निम्नलिखित के लिए कोई भी दो-दो उदाहरण लिखोः

(अ) जलवायु से संबंध रखने वाली घटनाऍं ।
उत्तर :
(१) बादलों का बनना
(२) कोहरा गिरना
(३) वर्षा होना
(४) चक्रवाती तूफान आना
(५) तेज पवन का बहना।

(आ) पानी उपलब्ध है; ऐसे स्थान ।
उत्तर : नाला, कुआ, तालाब, झील, तालाब (सरोवर), नदी, समुद्र, नलकूप, बाँध।

प्रश्न . जलचक्र की एक नामांकित आकृति खींचो ।

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