Maharashtra State Board Class 5th Hindi Medium Environmental Studies Part -1 (परिसर अध्ययन भाग -१)
प्रश्न १.अब क्या करना चाहिए ?
लघुग्रहों की पट्टी का कोई एक खगोलीय पिंड पट्टी से निकल (छिटक) गया है । वह पिंड अब सूर्य की दिशा में प्रमोचित (लपक) हो रहा है । अपनी पृथ्वी निश्चित रूप में उसके मार्ग में आने वाली है । इस खगोलीय पिंड की पृथ्वी से टक्कर होने की संभावना है । इस टक्कर से बचने के लिए तुम कौन-सा उपाय सूचित करोगे ?
उत्तर : पहले उपाय के रूप में, किसी मारक यंत्र द्वारा लघुग्रह के टुकड़े कर सकते हैं। दूसरा उपाय यह है कि लघुग्रह का मार्ग परिवर्तित कर दिया जाए।
लघुग्रह का मार्ग परिवर्तित करने के लिए किसी अंतरिक्ष यान द्वारा अथवा छोटे क्षेपण अस्त्र द्वारा उसे धक्का दिया जाए। दर्पणयुक्त अंतरिक्ष यान द्वारा यदि पर्याप्त समय तक सूर्य की किरणों की बौछार उस लघुग्रह पर छोड़ें, तो उस पर दाब पड़ेगा और उसका मार्ग परिवर्तित हो जाएगा। लेसर किरणों द्वारा लघुग्रह के द्रव्य का वाष्पीकरण करके, उसका द्रव्यमान बदल सकते हैं। यदि लघुग्रह के समीप कोई अंतरिक्ष यान भेज दें, तो उसके गुरुत्वाकर्षण द्वारा लघुग्रह का मार्ग बदला जा सकता है। खगोलशास्त्र और आधुनिक प्रोद्योगिकी की इतनी प्रगति हो चुका है कि ऐसी परिस्थिति उत्पन होने पर हम स्वयं इस टक्कर को टाल सकते हैं।
प्रश्न २. थोड़ा सोचो !
(१) सूर्य अचानक लुप्त हो गया तो हमारे सौरमंडल का क्या होगा ?
उत्तर : सूर्य अचानक लुप्त हो गया तो…
(१) सब जगह अँधेरा हो जाएगा।
(२) वृक्ष सूख जाएँगे, क्योंकि वे खाद्य का निर्माण नहीं कर सकेंगे।
(३) सभी ग्रहों का परिभ्रमण रुक जाएगा।
(४) दिन-रात का चक्र समाप्त हो जाएगा।
(५) सप्ताह-महीनें सभी समाप्त हो जाएँगे।
(६) ऋतुओं का परिवर्तन नहीं होगा।
(७) सौर ऊर्जा से चलनेवाले उपकरण काम नहीं करेंगे।
(८) गरमी समाप्त हो जाएगी और सर्वत्र ठंड का प्रसार होगा I
(९) वर्षा नहीं होगी और जलचक्र समाप्त हो जाएगा।
(१०) सर्वत्र रोगकारण जीव उत्पन्न होंगे और रोग फैलेगा I
(२) मान लो कि मंगल ग्रह पर स्थित अपने मित्र या अपनी सहेली को तुम्हें अपना पता बताना है । तुम निश्चित रूप में कहाँ रहते हो; यह उसे स्पष्ट रूप में समझना चाहिए । तुम अपना पता कैसे लिखोगे ?
उत्तर : कु……………………..
प्रसाद मेंशन, गोखले रोड,
दादर (पश्चिम), मुंबई-४०००२८,
महाराष्ट्र राज्य, भारत देश,
एशिया महाद्वीप, पृथ्वी (तीसरा ग्रह),
सौरमंडल, आकाशगंगा।
प्रश्न ३. चित्र में सौरमंडल के किन ग्रहों का क्रम गलत हुआ है, उसे पहचानकर सूर्य से उन ग्रहों का सही क्रम लगाओः
उत्तर : दिए गए चित्र में मंगल तथा पृथ्वी ग्रहों के स्थानों में अदला-बदली हो गई है। इसी प्रकार गुरु तथा शनि का क्रम भी गलत है। इसलिए इस चित्र में ऐसी गलती का क्रम है : बुध, शुक्र, मंगल, पृथ्वी, शनि गुरु, युरेनस तथा नेपच्यून। सही क्रम इस प्रकार होना चाहिए : बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, गुरु, शनि, युरेनस तथा नेपच्यून I
प्रश्न ४. मैं कौन हूँ ?
(अ) पृथ्वी से तुम मुझे देखते हो । तुम्हें दीखने वाले मेरे प्रकाशित भाग में नियमित रूप से परिवर्तन होता रहता है ।
उत्तर : – चंद्रमा
(आ) मैं स्वयंप्रकाशवाला पिंड हूँ । मुझसे निकलने वाले प्रकाश द्वारा ही ग्रहों को प्रकाश प्राप्त होता है ।
उत्तर : – सूर्य
(इ) मैं स्वयं के चारों ओर, ग्रह के चारों ओर और तारे के भी चारों ओर चक्कर लगाता हूँ ।
उत्तर : -उपग्रह
(ई) मैं स्वयं के चारों ओर घूमता हूँ और तारों के चारों ओर परिक्रमण करता हूँ ।
उत्तर : – ग्रह
(उ) अन्य किसी भी ग्रह पर मेरे जैसी सजीव सृष्टि नहीं है ।
उत्तर : – पृथ्वी
(ऊ) मैं पृथ्वी से सबसे समीपवाला तारा हूँ ।
उत्तर : – सूर्य
प्रश्न ५. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखोः
(अ) अंतरिक्ष प्रक्षेपण में रॉकेट का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर : अंतरिक्ष प्रक्षेपण में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल की विपरीत दिशा में प्रचंड बल की आवश्यकता होती है। रॉकेट में भरे गए ईंधन के ज्वलन से प्रचंड बल प्राप्त होता है। इसलिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण में रॉकेट का उपयोग करते हैं।
(आ) कृत्रिम उपग्रह कौन-कौन-सी जानकारियाँ देते हैं ?
उत्तर : कृत्रिम उपग्रहों से हमें खेती, पर्यावरण का प्रेक्षण, जलवायु का पूर्व अनुमान होता है। इनसे हम मानचित्र तैयार कर सकते हैं और पृथ्वी पर पाए जाने वाले पानी तथा खनिज संपदा की खोज कर सकते हैं। संचार के लिए भी कृत्रिम उपग्रहों का उपयोग किया जाता है।