Maharashtra State Board Class 6th Hindi Medium General Science (सामान्य विज्ञान )

प्रश्न १.सही विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों में लिखो। 

अ.  गतिशील पिंड की दिशा परिवर्तित करने के लिए बल लगाना पड़ता है।
       (बल, गतिशील, दिशा)

आ. हाथी द्वारा लकड़ी के कुंदे को जमीन पर से खींचकर ले जाते समय, कुंदे पर स्नायु बल घर्षण बल तथा गुरुत्व बल  क्रियाशील होते हैं।
        (स्नायु बल, यांत्रिक बल, गुरुत्व बल, घर्षण बल)

इ. किसी बड़ी मेज पर एक गेंद एकसमान वेग से लुढ़कती हुई छोड़ दी गई । उसकी गति बदलने के लिए, उस पर बल लगाना पड़ेगा।
        (बल, गति, गुरुत्वाकर्षण)

ई. घर्षण बल सदैव गति की विपरीत दिशा में कार्य करता है।
        (दिशा में, विपरीत दिशा में)

प्रश्न २. खोजकर देखो कि मेरे साथ कौन ?

समूह ‘अ’

समूह ‘ब’

१. बैल द्वारा गाड़ी खींचना  

अ. चुंबकीय बल

२. क्रेन द्वारा लोहे की भारी वस्तु उठाना ।

आ. स्थिर विद्युत बल

३. कमानीदार तुला से भार ज्ञात करना।

इ. स्नायु बल

४. साइकिल में ब्रेक लगाना।

ई. गुरुत्व बल

५. घीसी हुई प्लास्टिक की मापन पट्टी से कागज के टुकड़े उठाना

उ. घर्षण बल

उत्तर :
(१) बैल द्वारा गाड़ी खींचना – स्नायु बल
(२) क्रेन द्वारा लोहे की वस्तु उठाना – चुंबकीय बल
(३) कमानीदार तुला से भार ज्ञात करना – गुरुत्व बल
(४) साइकिल में ब्रेक लगाना – घर्षण बल
(५) घिसी हुई प्लास्टिक की मापनपट्टी से कागज के टुकड़े उठाना – स्थिर विद्युत बल

प्रश्न ३. निम्नलिखित उदाहरणों में एक या एक से अधिक बल क्रियाशील हैं, उनके नाम लिखो।

 अ. ऊँची इमारत से नीचे गिरने वाली वस्तु – : गुरुत्व बल। 

आ. आकाश में उड़ने वाला विमान : गुरुत्व बल, घर्षण बल (हवा का), यांत्रिक बल (इंजन का)।

इ. चरखी द्वारा गन्ने का रस निकालना : स्नायु बल, घर्षण बल, यांत्रिक बल।

ई. अनाज पछोरते समय : स्नायु बल, गुरुत्व बल।

प्रश्न ४. प्रत्येक के लिए एक-एक उदाहरण देकर अपने शब्दों में स्पष्ट करो।
स्नायु बल, गुरुत्व बल, यांत्रिक बल, स्थिर विद्युत बल, घर्षण बल तथा चुंबकीय बल

(१) स्नायु बल
उत्तर : हम अपने शरीर के स्नायु (पेशियों) और हड्डियों का उपयोग करके हलचल करते हैं। हाथों तथा पैरों की सहायता विभिन्न क्रियाएँ करते हैं। इस दशा में हम अपने शरीर के स्नायु का उपयोग करते हैं। इनसे प्रयुक्त बल को स्नायु बल कहते हैं। जैसे, स्नायु बल का उपयोग करके बैल, गाड़ी खींचता है, हल से जोताई करता है। स्नायु बल द्वारा हम बोझ उठाते है तथा रस्साकसी करते हैं।

(२) गुरुत्व बल
उत्तर : पृथ्वी प्रत्येक पिंड को अपनी ओर खींचती है अर्थात, उस पर बल लगाती है। पृथ्वी द्वारा किसी पिंड पर लगाए गए बल को गुरुत्व बल कहते हैं। ऊँचाई से नीचे गिरने वाले पत्थर पर गुरुत्व बल क्रियाशील होता है। नीचे से ऊपर फेंके गए पत्थर के टुकड़े का वेग क्रमशः कम होता है, क्योंकि इस पर विपरीत दिशा में गुरुत्व बल क्रियाशील होता है

(३) यांत्रिक बल
उत्तर : ईंधन अथवा बिजली का उपयोग करके विभिन्न यंत्र चलाए जाते हैं। ये यंत्र हमें बहुत-से काम करने में सहायता करते हैं। इनके कारण काम आसानी से तथा कम समय में होता है। किसी यंत्र द्वारा लगाए गए बल को यांत्रिक बल कहते हैं। उदा. कपड़े धोने की मशीन, बिजली से चलने वाला पंप, पंखा आदि में यांत्रिक बल ही कार्य करता है।

(४) स्थिर विद्युत बल
उत्तर : किसी पदार्थ को किसी अन्य विशिष्ट पदार्थ पर घिसने पर विद्युतीय आवेश का निर्माण होता है। विद्युत आवेश से आवेशित पदार्थो में जो बल (क्षीण) होता है, उसे स्थिर विद्युत बल कहते हैं। उदा. प्लास्टिक की सूखी कंघी को अपने सूखे बालों पर घिसकर कागज के छोटे टुकड़ों के पास ले जाएँ, तो कागज के टुकड़े कंघी से चिपक जाते हैं, क्योंकि कंघी में स्थिर विद्युत बल होता है।

(५) घर्षण बल
उत्तर : परस्पर संपर्क वाले दो पृष्ठभागों को आपस में घिसने पर जो बल उत्पन्न होता है, उसे घर्षण बल कहते हैं। यह ऐसा बल है, जो पिंड की गति की विपरीत दिशा में कार्य करता है। इस बल से लाभ तथा हानि दोनों होते है। घर्षण बल के कारण यंत्रों के पुरजे घिस जाते हैं, परंतु घर्षण बल के कारण ब्रेक लगाने पर वाहन रुक जाते हैं। घर्षण बल के कारण हम जमीन पर आसानी से पैदल चल सकते हैं।

(६) चुंबकीय बल
उत्तर : चुंबक के चुंबकत्व अर्थात, चुंबकीय पदार्थों को अपनी ओर आकर्षित करने के कारण जो बल उत्पन्न होता है, उसे चुंबकीय बल कहते हैं। क्रेनों में लगे शाक्तिशाली चुंबक अथवा विद्युत चुंबक द्वारा जहाजों पर माल लादा तथा उतारा जाता है।

प्रश्न . ऐसा क्यों? स्पष्ट करो।

अ. यंत्रों में समय-समय पर तेल दिया जाता है ।
उत्तर : यंत्रों के कुछ भाग परस्पर संपर्क में होने के कारण वे एक-दूसरे पर घिसते हैं। उनका धीरे-धीरे क्षरण हो जाता है और वे बेकार हो जाते हैं। तेल (स्नेहक) देने पर उनके बीच का घर्षण बल अत्यंत कम हो जाता है। इससे वे अधिक समय तक उपयोगी बने रहते हैं। 

आ. ऊपर फेंकी गई कोई वस्तु, कुछ ऊँचाई तक जाकर नीचे आती है।
उत्तर : ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तु पर, उसकी गति की विपरीत दिशा में गुरुत्व बल कार्य करता है। इसलिए उसकी गति क्रमशः कम होकर अंत में शून्य हो जाती है और वस्तु कुछ ऊँचाई पर रुक जाती है। इसके बाद उस पर क्रियाशील गुरुत्व बल के प्रभाव के कारण वह नीचे गिर पड़ती है I

इ. कैरम बोर्ड पर पाउडर डालते हैं ।
उत्तर : कैरम बोर्ड का पृष्ठ लकड़ी से बना होता है। गोटियों के निरंतर घर्षण से यह खुरदरा हो जाता है और घर्षण बल बढ़ जाने के कारण गोटियाँ खिसकाने के लिए स्टाइकर पर अधिक बल लगाना पड़ता है। इससे हमें थकान-सी लगती है तथा अंगुलियों में दर्द होता है। पाउडर चिकना होता है। इसे छिड़कने से बोर्ड का पृष्ठ चिकना हो जाता है। फलतः घर्षण बल अत्यंत कम हो जाता है। हम आसानी से खेल पाते हैं I

ई. रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों के ढालू पृष्ठभाग खुरदरे बनाए जाते हैं।
उत्तर : यदि ढालू पृष्ठ खुरदरे न हों, तो घर्षण बल कम होने पर लोग उन पर चलते समय फिसलकर घायल हो सकते हैं। इन्हें खुरदरा बनाने पर घर्षण बल बढ़ जाता है। घर्षण बल बढ़ने पर लोग आसानी से और सुरक्षित रूप से नीचे उतर सकते हैं।

प्रश्न . हम दोनों में भिन्नता क्या है ? 

अ. स्नायु बल तथा यांत्रिक बल
उत्तर :

स्नायु बल

यांत्रिक बल

१.स्नायु बल शरीर के स्नायुओं से प्राप्त होता है।

१.यांत्रिक बल यंत्रों से प्राप्त होता है।

२. स्नायु बल एक निश्चित सीमा तक ही प्राप्त होता है।

२. यांत्रिक बल की सीमा बढ़ाई जा सकती हैं।

३. स्नायु बल के लिए भोजन की ऊर्जा का उपयोग होता है।

३. यांत्रिक बल के लिए ईंधन या बिजली का उपयोग किया जाता है।

आ. घर्षण बल तथा गुरुत्व बल
उत्तर :

घर्षण बल

गुरुत्व बल

१.दो पृष्ठभागों के परस्पर घर्षण द्वारा घर्षण बल का निर्माण होता है।

१.पृथ्वी द्वारा पिंडों को आकर्षित करने के कारण गुरुत्व बल का निर्माण होता है।

२. घर्षण बल एक प्रबल बल है।

२. गुरुत्व बल, घर्षण बल की तुलना में अत्यंत क्षीण बल है।

३. घर्षण बल द्वारा पिंड की गति सदैव कम होती है।

३. गुरुत्व बल दवारा पिंड की गति में वृद्धि तथा कमी दोनों होती है।

प्रश्न ७. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखो।

अ .बल लगाकर क्या-क्या किया जा सकता है?
उत्तर : बल लगाकर हम स्थिर वस्तु को गतिशील अथवा गतिशील वस्तु को स्थिर कर सकते हैं। बल लगाकर हम पिंड की गति की दिशा बदल सकते हैं। इनके अतिरिक्त बल लगाकर पिंड का आकार बदला जा सकता है। दैनिक व्यवहार में हम बल लगाकर बोझ उठा सकते हैं, किसी वस्तु को खींच या ढकेल सकते हैं, साइकिल चला सकते है, गीले कपड़े निचोड़ सकते हैं।

आ. ‘भार’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर : किसी पिंड पर क्रियाशील गुरुत्व बल को उस पिंड का भार कहते हैं।

इ. स्नायु बल द्वारा चलने वाले यंत्र कौन-से हैं?
उत्तर : हाथगाड़ी (ठेला), हल, नाव का चप्पू, बैलगाड़ी, बग्घी, एक्का, लोहार की धौंकनी (भाथी) साइकिल, चारामशीन, आरी आदि स्नायु बल से चलने वाले यंत्र हैं।

प्रश्न ८. कथनों के रिक्त स्थानों की पूर्ति करके, शब्दपहेली हल करो।
ऊपर से नीचे
१.बंद पड़े हुए स्कूटर को ढकेलने के लिए …. लगाना पड़ता है।
२. नीचे गिरी हुई लोहे की पिनों को उठाने के लिए……बल का उपयोग किया जाता है ।
बाएँ से दाएँ
३. ……… लोहे की कीलों को अपनी ओर खींचता है।
४. ट्रैक्टर द्वारा खेत की जोताई करते समय… लगाया जाता है।
५. ….. बल द्वारा वर्षा की बूंदें पृथ्वी पर गिरती हैं।

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