उत्तर : किसी दंड चुंबक के दोनों ध्रुवों को बारी-बारी से उस पदार्थ के समीप ले जाएँगे। यदि वह दोनों बार चुंबक की ओर खिंचेगा, तो वह चुंबकीय पदार्थ है और यदि दोनों बार चुंबक की ओर न खिंचे तो वह अचुंबकीय है।
आ. प्रत्येक चुंबक का एक निश्चित चुंबकीय क्षेत्र होता है, इसे समझाना है।
उत्तर : चुंबक के समीप एक चुंबकीय सूई लाएँगे। चुंबकीय सूई सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा दर्शाती है। चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र में इसकी दिशा उत्तर-दक्षिण नहीं होती। अब हम इस सूई को धीरे-धीरे चुंबक से दूर ले जाएँगे। एक निश्चित दूरी से तुरंत आगे ले जाने पर चुंबकीय सूई पुनः उत्तर-दक्षिण दिशा में ही स्थिर होने लगती है। इस से यह ज्ञात होता है कि प्रत्येक चुंबक का एक निश्चित चुंबकीय क्षेत्र होता है।
इ. चुंबक के उत्तरी ध्रुव का पता लगाना है ।
उत्तर : किसी दंड चुंबक का उत्तरी ध्रुव बारी-बारी से उस चुंबक के दोनों सिरों के पास लाएँगे। जिस सिरे के पास लाने पर प्रतिकर्षण हो वह उसका उत्तरी ध्रुव होगा। (अथवा दक्षिणी ध्रुव लाकर आकषर्ण के आधार पर भी उत्तरी का पता लगा सकते हैं।)
प्रश्न २. कौन-से चुंबक का उपयोग करोगे?
अ.कचरे में से लोहेवाली वस्तुएँ अलग करनी हैं।
उत्तर : शक्तिशाली विद्युत चुंबक। (थोड़ा-सा कचरा हो, तो शक्तिशाली दंड चुंबक)
आ. तुम जंगल में रास्ता भूल गए हो।
उत्तर : चुंबकीय सूई (कुतुबनुमा)।
इ. खिड़की के पल्ले पवन द्वारा सतत बंद हो रहे हैं तथा खुल रहे हैं।
उत्तर : ऐसा स्टॉपर जिसमें स्थाई चुंबक हो।
प्रश्न ३. कोष्ठक में से सही शब्द या संख्या चुनकर प्रत्येक कथन पूर्ण करो।
अ.किसी दंड चुंबक के बीचोबीच धागा बाँधकर उसे स्टैंड के हुक से लटकाने पर उसका उत्तरी ध्रुव पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव की दिशा में स्थिर होता है।
(पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी, उत्तरी)
आ. किसी दंड चुंबक को उसके अक्ष की लंबवत रेखा में दो स्थानों के सापेक्ष काटकर समान लंबाईवाले टुकड़े बनाने पर ३ दंड चुंबक और कुल ६ ध्रुव तैयार होते हैं ।
(६, ३, २)
इ. चुंबकों के सजातीय ध्रुवों में प्रतिकर्षण और विजातीय ध्रुवों में आकर्षण होता है।
(विजातीय, सजातीय)
ई. चुंबक के समीप कोई चुंबकीय पदार्थ लाने पर, उसमें प्रेरित चुंबकत्व उत्पन्न होता है।
(स्थायी चुंबकत्व, प्रेरित चुंबकत्व)
उ. कोई चुंबक धातु के किसी टुकड़े को आकर्षित करता है, तो वह टुकड़ा चुंबक अथवा लोहे का टुकड़ा होना चाहिए।
(लोहे के अतिरिक्त अन्य कोई धातु, चुंबक अथवा लोहे का टुकड़ा, अचुंबकीय पदार्थ)
ऊ. चुंबक दक्षिण-उत्तर दिशा में स्थिर रहता है।
(पूर्व-पश्चिम, दक्षिण-उत्तर)
प्रश्न ४. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखो।
अ.विद्युत चुंबक कैसे तैयार करते हैं ?
उत्तर : विद्युत चुंबक का निर्माण : लोहे की एक पतली छड़ लेंगे। छड़ पर विद्युतरोधी (पृथक्कृत) ताँबे का तार लपेट देंगे। तार के दोनों सिरों को किसी बैटरी के अग्रों से जोड़कर तार में विद्युतधारा प्रवाहित करने पर, लोहे की वस्तु चुंबकीय पदार्थों को अपनी ओर खींचने लगती है। इसी प्रकार विद्युत चुंबक निर्मित होता है। यह एक प्रकार का अस्थाई चुंबक होता है I
आ. चुंबक के गुणधर्म लिखो।
उत्तर : चुंबक के गुणधर्म :
(१) स्वतंत्रतापूर्वक घूम सकने वाला चुंबक सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा दर्शाता है।
(२) चुंबक का चुंबकत्व उसके ध्रुवों के पास सबसे अधिक और मध्यभाग में सबसे कम होता है।
(३) चुंबक के ध्रुवों को अलग नहीं किया जा सकता।
(४) चुंबक के संपर्क में रखा गया पदार्थ भी चुंबक बन जाता है, जिसे प्रेरित चुंबकत्व कहते है।
(५) चुंबक के सजातीय ध्रुवों में प्रतिकर्षण तथा विजातीय ध्रुवों में आकर्षण होता है।
इ. चुंबक के व्यावहारिक उपयोग कौन-से हैं?
उत्तर : पिन होल्डर, विद्युत घंटी, प्रशीतक के दरवाजे, चुंबकीय सूई, दिक्सूची, चुंबकीय खिलौने आदि में चुंबक का उपयोग किया जाता है। शक्तिशाली विद्युत चुंबकों द्वारा जहाजों पर माल चढ़ाया उतारा जाता है। वैद्यकीय उपचार के उपकरण में भी चुंबक का उपयोग होता है। संगणक, ऑडियो, वीडियो, सीडी इत्यादि में भी चुंबक का उपयोग किया जाता है।