Maharashtra State Board Class 6th Hindi Medium General Science (सामान्य विज्ञान )
प्रश्न १.रिक्त स्थानों में सही शब्द लिखो।
अ.जिस स्थान पर दो या दो से अधिक हड्डियाँ जुड़ी होती हैं, उस जुड़ाव की अवस्था को संधि कहते हैं।
आ.बाह्यत्वचा के स्तरों की कोशिकाओं में मेलॉनिन नामक रंजकद्रव्य होता है ।
इ. बाह्यत्वचा तथा अंतस्त्वचा मानवीय त्वचा के दो मुख्य स्तर हैं।
ई. मानव अस्थि तंत्र दो भागों में विभाजित किया जाता है।
प्रश्न २. मेरा जोड़ीदार कौन है? बताओ।
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समूह ‘अ’ |
समूह ‘ब’ |
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१. ऊखल संधि |
अ. घुटना |
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२. कब्जेदार संधि |
ब. कलाई |
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३. विसर्पी संधि |
क. कंधा |
उत्तर:
(१) ऊखल संधि – कंधा
(२) कब्जेदार संधि – घुटना
(३) विसर्पी संधि – कलाई
प्रश्न ३. लिखो कि कथन सही है या गलत । यदि कथन गलत हो, तो उसे सुधारकर लिखो।
अ. हड्डियों की रचना नरम/कोमल होती है ।
उत्तर : गलत
सही कथन: हड्डियों की रचना कठोर (मजबूत, चीमड) होती है।
ब. मानव अस्थि तंत्र शरीर के आंतरिक अंगों की रक्षा करता है।
उत्तर : सही
प्रश्न ४. सही उत्तरवाली चौखट में ऐसा चिह्न ✔ लगाओ।
अ. शरीर को आकार देनेवाले तंत्र का अर्थ है अस्थि तंत्र I
उत्सर्जन तंत्र
श्वसन तंत्र
✔ अस्थि तंत्र
रक्तपरिसंचरण तंत्र
ब. पैरों तथा हाथों की अँगुलियों में कब्जेदार संधि होती है।
✔ कब्जेदार
ऊखल
अचल
विसर्पी
प्रश्न ५. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में लिखो।
अ. तुम्हारे शरीर की त्वचा कौन-कौन-से कार्य करती है?
उत्तर : हमारे शरीर की त्वचा निम्नलिखित कार्य करती है :
(१) शरीर के सभी आंतरिक अंगों, जैसे स्नायुओं, हड्डियों और अंग तंत्रों आदि की सुरक्षा करना।
(२) शरीर की आर्द्रता बनाए रखने में सहायता करना।
(३) जीवनसत्त्व ‘डी’ का निर्माण करना।
(४) शरीर का पसीना बाहर निकालकर शरीर के तापमान पर नियंत्रण रखना।
(५) गरमी और ठंडी से रक्षा करना।
(६) त्वचा स्पर्शेद्रिय के रूप में कार्य करके स्पर्श (चिकने खुरदरे) का ज्ञात कराती है I
आ. अपने शरीर की हड्डियों को मजबूत और निरोगी रखने के लिए तुम क्या करोगे?
उत्तर : शरीर की हड्डियों को मजबूत तथा निरोगी रखने के लिए हम उपयुक्त आहार लेंगे। ऐसा आहार लेंगे जिसमें कैल्शियम युक्त फल, सब्जियाँ तथा दूध से बने पदार्थों का पर्याप्त समावेश हो। नियमित व्यायाम तथा पैदल चलने से भी हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
इ. मानव अस्थि तंत्र के कार्य लिखो।
उत्तर : अस्थि (कंकाल) तंत्र के कार्य :
(१) यह पूरे शरीर अर्थात शरीर के प्रत्येक अंग को आधार देता है।
(२) इससे शरीर को विशिष्ट आकार मिलता है।
(३) कंकाल तंत्र द्वारा शरीर के आंतरिक कोमल अंगों तथा महत्त्वपूर्ण इंद्रियों का संरक्षण होता है।
(४) कंकाल तंत्र की अस्थियों द्वारा शरीर की हलचल में सहायता मिलता है।
ई. शरीर की हड्डियों के टूटने या मुड़ने के विभिन्न कारण क्या हैं?
उत्तर : हड्डियों के टूटने-मुड़ने के विभिन्न कारण :
(१) अचानक कोई दुर्घटना होने से हड्डियाँ टूटती हैं।
(२) सीढ़ी पर से गिरने अथवा फिसलकर गिरने से टूटती-मुड़ती हैं।
(३) खेलते समय भी किसी खिलाड़ी से तीव्र टक्कर होने पर हड्डियाँ टूट-मुड़ सकती है।
(४) आपसी झगड़े, मारामारी तथा दंगे में लाठी चार्ज से भी हड्डियाँ टूटती-मुड़ती हैं।
उ. हड्डियों के कितने और कौन-से प्रकार हैं?
उत्तर : हड्डियों के चार मुख्य प्रकार हैं। उनके नाम हैं :
(१) चपटी हड्डियाँ
(२) छोटी हड्डियाँ
(३) अनियमित हड्डियाँ तथा
(४) लंबी हड्डियाँ।
प्रश्न ६. क्या होगा ? लिखो।
अ .यदि हमारे शरीर में हड्डियों की संधियाँ न होती; तो ?
उत्तर : शरीर में हड्डियों की संधियाँ न होतीं तो शरीर तथा उसके उपांगों में कोई हलचल नहीं होती। हम कोई भी क्रिया करने में अक्षम हो जाएँगे।
आ. हमारी बाह्यत्वचा में मेलेनिन’ नामक रंजकद्रव्य ही न होता, तो?
उत्तर : बाह्यत्वचा में मेलॉनिन न होन पर शरीर का संरक्षण नहीं होगा। सभी लोगों का शरीर एक ही रंगवाला (सफेद) तथा विचित्र-सा दिखेगा। सूर्य की पराबैगनी किरणों से हमारा संरक्षण नहीं हो सकेगा और उनके प्रकोप से विभिन्न प्रकार के रोग होंगे।
इ. हमारे शरीर के मेरुदंड में ३३ अस्थियों की श्रृंखला के स्थान पर केवल एक सीधी हड्डी होती, तो?
उत्तर : कशेरुकाओं की एक श्रृंखला (माला) होने के कारण ही हम विभिन्न मापवाले कोणों पर आगे, पीछे,, बाएँ, दाएँ आसानी से हलचल कर पाते हैं। यदि केवल एक सीधी हड्डी होती तो हम उठ-बैठ नहीं सकेंगे। झुककर वस्तुएँ उठा नहीं सकेंगे। योगासन, व्यायाम तो हमारे लिए असंभव कियाएँ हो जाएँगी। हम खेल-कूद नहीं सकेंगे।
प्रश्न ७. आकृतियाँ खींचो ।
अ.संधियों के विभिन्न प्रकार
आ. त्वचा की रचना
